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नई दिल्‍ली: हिंसा प्रभावित मणिपुर में हालात से निपटने के तरीके को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि राज्य में स्थिति को ‘‘बिगड़ने'' दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पर ‘‘वास्तविक'' सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह राज्य पर शासन करने का नैतिक और राजनीतिक अधिकार खो चुके हैं। पायलट ने कहा, ‘‘मणिपुर जैसा छोटा राज्य जिसे सावधानी, सहानुभूति और करुणा के साथ संभाला जाना चाहिए था, वहां कोई जवाबदेही नहीं है। इसलिए इतने सारे लोगों ने अपनी जान गंवाई है।''

पायलट ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘सरकार ने शासन करने का नैतिक अधिकार खो दिया है. कोई भी जिम्मेदार नहीं है, कोई भी इसमें शामिल नहीं है राज्य, सत्तारूढ़ दल, दिल्ली में कोई भी सवालों का जवाब नहीं दे रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी लोगों से मिलने के लिए मणिपुर गए थे। यह एक प्रयास था।

उन्होंने कहा, यह राजनीतिक लाभ लेने के इरादे से नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास था कि लोगों को यह महसूस हो कि धर्म के आधार पर बांटने और समाज को विभाजित करने के बावजूद भी ऐसे लोग हैं जो जख्मों को भरने, पीड़ा घटाने और चिंता साझा करने जाना चाहते हैं।''

मणिपुर में दो महीनों में हिंसा में कई लोगों की मौत होने का जिक्र करते हुए पायलट ने कहा कि इसे लेकर कोई जवाबदेही नहीं है। उन्होंने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और यहां एक ऐसी सरकार है जो ‘सबका साथ, सबका विकास' की बात करती है।

पायलट ने कहा, ‘‘क्या मणिपुर हमारे देश का हिस्सा नहीं है? जो नागरिक प्रभावित हुए हैं, उनकी गलती क्या है। मेरी चिंता यह है कि इसे (स्थिति को) बिगड़ने दिया गया है। मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री (एन बीरेन सिंह) ने राज्य पर शासन करने का राजनीतिक अधिकार, नैतिकता खो दी है।''

उन्होंने कहा कि मणिपुर में नागरिक पीड़ा में हैं, लोग पलायन कर रहे, हत्याएं और क्रूरता हो रही है। पायलट ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, प्रधानमंत्री (मोदी) ने एक शब्द भी नहीं कहा। आप दिन भर जन्मदिन और उत्सवों के बारे में ट्वीट कर सकते हैं, लेकिन आप वास्तविक सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं कर रहे हैं?''

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है, दैनिक आधार पर हो रहे अत्याचारों के लिए कोई जवाब क्यों नहीं दे रहा है? यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही खत्म हो जाएगा।''

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा की थी और शांति की अपील करते हुए कहा था कि ‘‘हिंसा कोई समाधान नहीं है।''

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य की मौजूदा स्थिति के लिए भाजपा और उसकी ‘विभाजनकारी राजनीति' जिम्मेदार है। मणिपुर में तीन मई से अब तक हुई जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं।

 

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