ताज़ा खबरें
जबरन वसूली के एक मामले में आप विधायक नरेश बाल्यान गिरफ्तार
संभल के मृतकों के परिजनों को सपा देगी पांच लाख का मुआवजा
बांग्लादेश में चिन्मय दास के बाद एक और हिंदू नेता की गिरफ्तारी
वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट शीतकालीन सत्र में नहीं होगी पेश

नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए रेल हादसे में सीबीआई ने शुक्रवार को 3 रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। तीनों को आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या का केस) के तहत गिरफ्तार किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी इस रेल हादसे की आपराधिक साजिश की आंशका की जांच कर रही थी। गिरफ्तार किए गए तीनों रेलवे कर्मचारियों के नाम सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार महांतो, सीनियर सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्निशियन पप्पू कुमार हैं।

बता दें कि धारा 304 के तहत सजा के तौर पर आजीवन कारावास और जुर्माना या कठोर कारावास शामिल है। सूत्रों का कहना है कि इन तीनों की लापरवाही के कारण इतना बड़ा हादसा हुआ।

बालासोर के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास 2 जून को शाम सात बजे के करीब कोरोमंडल एक्सप्रेस स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इसकी चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी। इस रेल दुर्घटना में 292 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

अभी बहानगा बाजार स्टेशन पर नहीं रुकती कोई ट्रेन

बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन से लगभग 170 ट्रेनें प्रतिदिन गुजरती हैं। हादसे के बाद सीबीआई ने लॉग बुक, रिले पैनल और उपकरण को जब्त कर इस स्टेशन को सील कर दिया था। अभी बहनगा बाजार स्टेशन पर कोई भी ट्रेन नहीं रुकती है।

बालासोर रेल हादसे की जांच कर रहे रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने पिछले सप्ताह सिग्नलिंग विभाग के कर्मचारियों की मानवीय भूल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने तोड़फोड़, तकनीकी गड़बड़ी या मशीन में खराबी की संभावना को खारिज कर दिया था।

सीआरएस ने कर्मचारियों की लापरवाही को किया था उजागर

सीआरएस ने कथित तौर पर कुछ जमीनी अधिकारियों की ओर से लापरवाही को उजागर किया था, जिन्होंने तीन साल पहले सुरक्षा चिंताओं के कारण डिजाइन में बदलाव किए जाने के बाद निरीक्षण की पर्याप्त सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया था।

3 जून को दर्ज हुई थी एफआईआर

ओडिशा ट्रिपल ट्रेन हादसे को लेकर बालासोर स्थित जीआरपीएस में 3 जून को एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में रेल मंत्री ने घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। केंद्र सरकार की सहमति के बाद सीबीआई ने केस अपने हाथ में ले लिया था।

अब तक 42 शवों की नहीं हुई पहचान

ओडिशा रेल हादसे में जान गंवाने वाले 42 मृतकों के शव की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। जिसकी वजह से अब भी 42 मृतकों का शव भुवनेश्वर के अस्पताल में ही रखा हुआ है। इन शवों के डीएनए टेस्ट रिपोर्ट आने का अब भी इंतज़ार है। वहीं, जल्द ही डीएनए रिपोर्ट के आने की उम्मीद की जा रही है।

कुछ मृतकों को लेकर परिवार का कोई भी आदमी या रिश्तेदार अब तक शव लेने आया ही नहीं है। जबकि, हादसे के बाद 81 मृत यात्रियों का डीएनए टेस्ट करवाया गया। इसमें 39 मृतकों को डीएनए सैंपल मैच करने के बाद उनके परिवार को अंतिम संस्कार करने को लेकर शव सौंप दिए गए।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख