पेरिस: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारत हमेशा शांति और अहिंसा का समर्थक रहा है। उन्होंने कहा कि एक दूसरे पर निर्भरता से दुनिया की प्रगति बातचीत और आपसी समझ से प्राप्त की जा सकती है। वेंकैया नायडू शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में यूनेस्को में प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, "तरक्की के लिए शांति पहली शर्त है। एक दूसरे पर आश्रित संसार में बातचीत और आपसी समझ से ही प्रगति हासिल की जा सकती है।"
उन्होंने भारत सरकार के साहसिक सुधार कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि सरकार देश के अकादमिक परिदृश्य में बदलाव ला रही है। नायडू ने कहा कि भारत की विकास यात्रा आशाओं और नए बदलावों से गुजर रही है। यह ऐसे समय में हो रही है जब क्षेत्र के कुछ हिस्सों सहित शेष दुनिया मंदी का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि माल और सेवा कर का लागू किया जाना निर्बाध और कुशल राष्ट्रीय बाजार की दिशा में एक बड़ा कदम था। इससे भारत में व्यवसाय स्थापित करने और उसे बढ़ाने में आसानी होगी।
नायडू ने प्रवासी भारतीय समुदाय से न्यू इंडिया के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनने की अपील की और उनसे भारत में निवेश और नवाचार के लिए उपयुक्त अवसरों का लाभ उठाने को कहा। उन्होंने कहा, "प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए सक्रिय रूप से अपनी जड़ों से जुड़ने का भी यह सही समय है।"