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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने असम राइफल्स के जवानों को पूर्वोत्तर के राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम में बिना वारंट के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और किसी भी स्थान की तलाशी लेने का अधिकार दिया है। गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत ''असम राइफल्स के निचले रैंक के अधिकारियों को भी ये शक्तियां दी गई हैं।

अधिसूचना में बताया गया है कि असम राइफल्स के जवान इन शक्तियों का इस्तेमाल सीआरपीसी की धारा 41 की उपधारा एक, धारा 47, 48, 49, 51, 53, 54, 149, 150, 151 और 152 के तहत करेंगे। वे इन शक्तियों का इस्तेमाल असम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम में सीमावर्ती जिलों में कर सकेंगे। सीआरपीसी की धारा 41 के तहत कोई भी पुलिस अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के और बिना वारंट के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है। धारा 47 व्यक्ति जिस स्थान पर जाता है वहां की तलाशी ली जा सकती है।

असम राइफल्स पूर्वोत्तर में उग्रवादी निरोधक प्रमुख सुरक्षा बल है। यह संवेदनशील भारत-म्यामांर सीमा की सुरक्षा में भी तैनात है। पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून भी लागू है जो क्षेत्र में सेना को इस तरह की शक्ति के इस्तेमाल की इजाजत देता है।

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