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लखनऊ: बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि केंद्र सरकार का तीन तलाक पर अध्यादेश लाना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। दिल्ली में संघ का तीन दिनों तक चला बहु प्रचारित संवाद कार्यक्रम को भी राजनीति का एक हिस्सा बताया है। मायावती ने कहा कि भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों की कमियों व विफलताओं को छिपाने लिए संघ का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका मकसद गरीबी, जानलेवा महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान बांटना रहा। भाजपा सरकारों की विफलताओं के कारण देशभर में व्यापक जनाक्रोश है। संघ भी चिंतित है, क्योंकि धन्नासेठों की तरह उसने भी भाजपा की जीत के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया था, लेकिन कथनी से ज्यादा कर्म मायने रखता है। इसीलिए अब देश की जनता इनके बहकावे में आने वाली नहीं है।

उन्होंने कहा है कि संघ के प्रमुख का यह कहना कि जन्मभूमि पर मुस्लमान खुद मंदिर बनवाते हैं तो बरसों से उन पर उठ रही उंगलियां झुक जाएंगी। बसपा इससे कतई सहमत नहीं है, क्योंकि इनकी बुनियादी सोच व मानसिकता दलित, पिछड़ा, मुस्लिम व अन्य अल्पसंख्यक विरोधी है। वास्तव में सत्ता में आने के बाद भाजपा की सरकारों का चेहरा बेनकाब हुआ है।

इसलिए इनकी कथनी व करनी में कोई खास असर नहीं है। संघ की सोच अगर इतनी ईमानदार होती तो आजादी के बाद तीन बार उसको प्रतिबंधित होने का कलंक न झेलना पड़ता।

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