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नई दिल्ली: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) मामले में आरोप-पत्र दाखिल किये जाने के समय पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राष्ट्रीय दल कश्मीरियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। पिछले साल जून तक जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री रहीं मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि जेएनयू मामले में आरोप-पत्र दाखिल किये जाने से उन्हें अचरज नहीं हुआ है क्योंकि देश में आम चुनाव कुछ ही महीनों में होने वाले हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि 2019 के चुनावों में हर बार की तरह वोट पाने के लिए कश्मीरियों का इस्तेमाल कर राजनीतिक दल अपना हित साध रहे हैं।राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने चिंता जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय दलों के इस कदम के लिये कितने कश्मीरियों और उनके परिवारों को कीमत चुकानी होगी।

भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री का पद गंवाने वाली मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि इसमें आश्चर्य करने वाली कोई बात नहीं है। हम 2019 के आम चुनाव से कुछ ही महीने दूर हैं और हर बार की तरह भारतीय मतदाताओं के बीच अपना हित साधने के लिये कश्मीरियों का उपयोग करना इस बार भी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की जरुरत बन गया है। उन्होंने ट्वीट किया, “आरोप पत्र दाखिल करने का समय कोई शक पैदा नहीं करता। जब संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार सत्ता में थी, उसने अफजल गुरु को फांसी देने का फैसला किया था और आज तक जम्मू-कश्मीर इसकी कीमत चुका रहा है।” गौरतलब है कि दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में सोमवार को जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और सात कश्मीरियों के खिलाफ देशद्रोह मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

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