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नई दिल्ली: प्रदूषण में कमी को देखते हुए पर्यावरण प्रदूषण निवारक प्राधिकरण (इपका) ने सोमवार को सुबह छह से शाम छह बजे तक निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटा दी। साथ ही भारी वाहनों को एक रात के लिए दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दे दी। हालांकि इपका ने यह भी कहा कि अगर हवा और जहरीली हुई तो पेट्रोल-डीजल वाहन बंद कर दिए जाएंगे और सिर्फ सीएनजी वाहनों को ही चलने की इजाजत दी जाएगी।

शर्तों के साथ ढील 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सोमवार को कई विभागों के साथ बैठक कर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की। हवा में सुधार के संकेत को देखते हुए पाबंदियों में कुछ शर्तों के साथ छूट देने की सिफारिश की गई।

निजी वाहनों पर रोक ही अंतिम विकल्प

इपका ने कहा कि अगर दिल्ली की हवा लगातार बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में रहती है तो निजी व व्यावसायिक वाहनों पर रोक के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। सीएनजी वाहनों पर स्टीकर लगे हुए हैं।

सार्वजनिक परिवहन में भी उनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसलिए सीएनजी वाहन ही चलेंगे।

सुबह छह से शाम छह बजे तक होंगे निर्माण कार्य

अध्ययन में पता चला कि दिन की बजाय रात में हवा की गुणवत्ता ज्यादा खराब हो रही है। इसलिए दिल्ली में सुबह छह से शाम छह बजे तक निर्माण पर लगी पाबंदी हटा ली गई। इसे बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि, निर्माण कार्यों पर पाबंदी से सैकड़ों सरकारी काम भी ठप हो गए थे। सीमा पर फंसे ट्रकों के प्रवेश की इजाजत : दिल्ली की सीमा पर खड़े एक हजार से ज्यादा भारी वाहनों को सोमवार रात दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दे दी गई। जाम न लगने पाए इसलिए इपका ने इन्हें टोल टैक्स और ग्रीन टैक्स की वसूली से भी छूट दी है। सोमवार रात 11 बजे से मंगलवार की सुबह सात बजे तक इन ट्रकों का प्रवेश हो सकेगा।

बूंदाबांदी से आज हवा में सुधार के आसार

इपका ने अगले दो दिनों में प्रदूषण की स्थिति सुधरने की उम्मीद जताई है। सीपीसीबी के मुताबिक 13 और 14 नवंबर को हवा की गति में बढ़ोतरी होगी और बूंदाबांदी होने से प्रदूषण से राहत मिलने के आसार हैं। सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 405 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर' श्रेणी में आता है। हवा में अतिसूक्ष्म कणों - पीएम 2.5 का स्तर 262 दर्ज किया गया जबकि पीएम 10 का स्तर 460 दर्ज किया गया। यह सेहत के लिए काफी खतरनाक है।

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