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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 38वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2018 (आईआईटीएफ) का आगाज बुधवार 14 नवंबर से होने जा रहा है। इस बार व्यापार मेला की थीम ''भारत में ग्रामीण उद्योग'' रखी गई है। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सी.आर. चौधरी हॉल नंबर सात के पास हंस ध्वनि थियेटर में मेले का उद्घाटन करेंगे। केन्द्रीय संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे। व्यापार मेले का आयोजन प्रगति मैदान के कुल क्षेत्रफल के मात्र 20 प्रतिशत हिस्से में ही किया जा रहा है।

प्रगति मैदान को एक विश्व स्तरीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केन्द्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसके लिए निर्माण कार्य जारी है, यही वजह है कि मेले का आकार इस बार काफी छोटा रखा गया है। हर वर्ष की भांति मेले के पहले चार दिन 14 से 17 नवंबर तक केवल कारोबारी दर्शकों के लिए होंगे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष में आयोजित हो रहे मेले में ग्रामीण एवं लघु उद्योगों पर जोर दिया गया है। मेले का आयोजन प्रगति मैदान के हाल नंबर सात, आठ, नौ, दस, 11, 12 और 12-ए तक ही सीमित रहेगा।

 

इस बार छोटा होगा मेले का आकार

व्यापार मेले की आयोजक इंडिया ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) के पीआरओ संजय वशिष्ठ ने बताया कि निर्माण कार्य के चलते इस बार मेले का काफी छोटा होगा। मेन थीम प्रदर्शनी हाल नंबर सात में लगाई गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के तत्वावधान में यह मंडप लगाया गया है। इसमें मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, कुशल भारत, स्वच्छ भारत और स्टार्ट-अप इंडिया का भी प्रदर्शन किया जाएगा। सरकारी संगठन, राज्यों के उद्यमी भी उपलब्ध स्थान के अनुरूप मेले में भाग लेंगे।

झारखंड को फोकस राज्य बनाया

ट्रेड फेयर 2018 में झारखंड को फोकस राज्य बनाया गया है। अफगानिस्तान को भागीदार देश और नेपाल को फोकस देश की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा चीन, हांगकांग, ईरान, म्यांमा, नीदरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड, तुर्की, ट्यूनीशिया, वियतनाम और संयुक्त अरब अमीरात के उद्यमी मेले में भाग लेंगे।

दर्शकों का प्रवेश भी रहेगा सीमित

मेले में दर्शकों का प्रवेश भी इस बार सीमित स्तर पर ही होगा। मेले क्षेत्र में प्रवेश गेट नंबर एक (भैरों मार्ग), गेट नंबर आठ (मथुरा रोड), गेट नंबर दस (प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन) से ही होगा। पहले चार दिन केवल व्यापारी, उद्यमियों के लिए होंगे। इन चार दिनों में प्रवेश टिकट 500 रुपये और पूरे चार दिन का टिकट 1800 रुपये प्रति व्यक्ति होगा। इसके बाद 18 से 27 नवंबर के दौरान आम जनता के लिए शनिवार, रविवार, सार्वजनिक अवकाश में प्रति वयस्क 120 रुपये और बच्चे का टिकट 60 रुपये होगा। कार्यदिवसों में यह टिकट क्रमश: 60 और 40 रुपये होगा। मेले में प्रवेश के टिकट प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन को छोड़कर चुनिंदा 66 मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध होंगे। प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन, प्रगति मैदान के प्रवेश द्वारों पर व्यापार मेले के टिकट नहीं बिकेंगे। मेला प्रतिदिन प्रात: 9.30 बजे से सांय 7.30 बजे तक खुला रहेगा।

यहां मिलेगी वाहनों की पार्किंग

वाहन पार्किंग की सुविधा गेट नंबर एक के सामने भैरों मार्ग पर होगी। पार्किंग के लिये भुगतान करना होगा। पार्किंग स्थल से मेला स्थल के गेट नंबर एक तक शटल सेवा उपलब्ध होगी। मामूली दर पर विभिन्न स्थानों पर 'पी लो शुद्ध जल पीने का पानी उपलबध कराया गया है।

अल्पसंख्यक मंत्रालय लगाएगा हुनर हाट

मेले में अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से 'हुनर हाट' लगाया जाएगा जो 27 नवम्बर तक चलेगा। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी 15 नवम्बर को हुनर हाट का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा दस्तकारों और शिल्पकारों को बाजार मुहैया करने के मिशन के तहत देश के विभिन्न भागों में आयोजित हुनर हाट की श्रृंखला में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में भी इसे लगाया जा रहा है। नकवी ने मंगलवार को कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से देशभर में लगाए जा रहे हुनर हाट दस्तकारों और शिल्पकारों का 'एम्पावरमेंट-एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज' साबित हो रहे है। पिछले एक साल में हुनर हाट एक लाख 50 हजार से ज्यादा कारीगरों, दस्तकारों, शिल्पकारों एवं उनसे जुड़े लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने में सफल रहे हैं। उनका लक्ष्य हुनर हाट के माध्यम से 2019 तक लगभग पांच लाख लोगों को रोजगार के मौके उपलब्ध कराना है।

देशभर के दस्तकार, शिल्पकार और कारीगर लेंगे भाग

व्यापार मेला में हुनर हाट में बड़ी संख्या में महिला दस्तकारों सहित देशभर के अनेक दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर भाग ले रहे हैं। देश के कोने-कोने से हस्तशिल्प और हैंडलूम उत्पाद इस हुनर हाट में बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। इनमें अज़रख, बाग प्रिंट, बंधेज, बाड़मेर अज़रख और एप्लिक, बिड्रिवेयर, केन और बांस, कालीन, चंदेरी, चनिया चोली, चिकनकारी, कॉपर बेल उत्पाद, तांबे के बर्तन, चीनी मिट्टी के बर्तन, ड्राई फ्लॉवर, गोटापत्ती, हैंडलूम और होम फर्निशिंग इत्यादि शामिल हैं। इसके अलावा जूट क्राफ्ट, लाख पत्थर से बनी चुड़ियां, लैक्रवेयर, लिनन उत्पाद, मेटलवेयर, मडवर्क, मल्बेरी सिल्क, पैठनी सिल्क, फूलकारी, पंजाबी जुत्ती, ज़री बैग आदि भी उपलब्ध रहेंगे। पहली बार छत्तीसगढ़ के उत्पाद, जम्मू-कश्मीर के नामदा और चिन्नॉन सिल्क भी उपलब्ध होंगे।

हाशिए पर पड़ी हुनर की विरासत को मिला हौसला

नकवी ने कहा कि हाशिए पर पड़ी हुनर की विरासत को मोदी सरकार के हुनर हाट जैसे रोजगारपरक कार्यक्रमों से जबर्दस्त हौसला मिला है। देशभर के प्रमुख स्थलों पर आयोजित किए जा रहे हुनर हाट से जहां एक तरफ हुनरमंद शिल्पकारों, दस्तकारों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजार मुहैया हुए हैं, वहीँ बड़ी संख्या में उन्हें रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि हुनर हाट एक ही जगह पर देशभर के दस्तकारों, शिल्पकारों के नायाब हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान के प्रदर्शन एवं बिक्री और विभिन्न राज्यों के लजीज पकवानों के स्वाद का एक विश्वसनीय एवं लोकप्रिय ब्रांड बन गया है। हुनर हाट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के संकल्प को साकार करने का प्रामाणिक एवं विश्वसनीय ब्रांड बन गया है।

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