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पटना: बिहार में सत्ताधारी जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त की गईं प्रियंका गांधी वाड्रा को वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए चुनौती के तौर पर नहीं देखते क्योंकि "किसी के पास जादू की छड़ी नहीं है" जो चीजों को घुमा दे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रियंका कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए प्रतिद्वंद्वी नहीं बनेंगी, लेकिन राजनीति में उनके आने का भविष्य में प्रभाव होगा।

भाजपा की अगुवाई वाले राजग के घटक दल जदयू के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रशांत से जब पूछा गया कि प्रियंका भविष्य में राजग के लिए कितनी बड़ी चुनौती साबित होंगी, इस पर जदयू नेता ने कहा, ''एकदम से बहुत कम समय में...दो-तीन महीने में या आगामी लोकसभा चुनाव के नजरिए से मैं उन्हें चुनौती के तौर पर नहीं देखता। मैं ऐसा नहीं कहा रहा हूं कि उनमें क्षमता है या नहीं, लेकिन किसी भी व्यक्ति के लिए तुरंत आकर दो-तीन महीने में परिणामों पर बहुत व्यापक असर डालना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, ''हालांकि, अगर लंबे समय के नजरिए से आप देखेंगे तो वे एक बड़ा चेहरा और नाम हैं। काम करेंगी और जनता उनके काम को पसंद करेगी तो उसका असर दिख भी सकता है।

यह पूछे जाने पर कि प्रियंका के राजनीति में आने का कांग्रेस को फायदा होगा या नहीं, इस पर प्रशांत ने कहा कि यह आगामी चुनाव (लोकसभा चुनाव) में पता चलेगा। इस बारे में अभी कोई अटकल लगाना उचित नहीं है। गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्वी उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी महासचिव नियुक्त किए जाने के बाद प्रियंका आज पहली बार उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने लखनऊ में एक भव्य रोड शो किया।

जदयू में शामिल होने से पहले चुनावी रणनीतिकार के तौर पर 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रणनीति बनाने में कांग्रेस की मदद कर चुके प्रशांत ने कहा कि उस समय ''हम लोगों की सोच थी कि अगर प्रियंका गांधी कांग्रेस के युवा प्रकोष्ठ का नेतृत्व करेंगी तो उससे इस दल को फायदा हो सकता है। किसी कारण से इस सुझाव पर अमल नहीं हो सका। क्या प्रियंका अपने बड़े भाई राहुल गांधी की प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर सकती हैं, यह पूछे जाने पर प्रशांत ने कहा, ''निश्चित तौर पर नहीं। राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष हैं, जबकि प्रियंका कई राष्ट्रीय महासचिवों में से एक हैं...लेकिन उनके प्रवेश का लंबे समय में प्रभाव पड़ेगा।

बिहार में विपक्षी 'महागठबंधन, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत ने कहा “कोई भी गठबंधन जिसमें पांच या अधिक पार्टियां हैं, वे कागज पर मज़बूत दिख सकते हैं। लेकिन इस तरह के गठबंधन के साथ चुनावी कामयाबी हासिल करना बहुत मुश्किल है। लेकिन, अगर महागठबंधन अच्छा प्रदर्शन करता है, तो यह हम सभी के लिए सीखने का अनुभव होगा।

मुंबई की अपनी यात्रा में शिवसेना प्रमुख उद्ध्व ठाकरे से मुलाकात के दौरान लोकसभा चुनाव के बाद की संभावनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर राजग में स्वीकारोक्ति नहीं मिलने की स्थिति में पूर्व में ''पीएम मटैरियल बताए गए बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बनाने को लेकर चर्चा की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत ने स्पष्ट किया, ''राजग के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पहले से हैं और आगे भी वही रहेंगे। ऐसे में किसी और की उम्मीदवारी का सवाल ही कहां उठता है ?

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