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नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि आतंकी हमले के दो घंटों के दौरान उन्हें जघन्य हमले की जानकारी थी या नहीं। क्योंकि, प्रधानमंत्री ने शाम को टेलीफोन के जरिए जनसभा को संबोधित किया था। इस जनसभा में प्रधानमंत्री ने आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं किया था। पार्टी ने प्रधानमंत्री की जनसभा का वीडियो भी जारी किया है।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा देश आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री की दिनचर्या जानना चाहता है। उन्होंने कहा कि शाम पांच बजकर दस मिनट पर मोबाइल फोन के जरिए रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र नहीं किया। इससे साफ है कि प्रधानमंत्री आतंकी हमले की जानकारी होने के बावजूद असंवेदनशील बने रहे। वह अपने नारे लगवाते रहे। ऐसा नहीं है, तो दूसरी स्थिति इससे भी खतरनाक है।

पुलवामा में तीन बजकर 10 मिनट पर आतंकी हमला होता है और शाम पांच बजकर दस मिनट तक शायद उन्हें जानकारी ही नहीं थी। जानकारी होती तो शायद वह आतंकी हमले की निंदा करते और जनसभा को निरस्त करते। लोगों से विनती करते कि वह शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दे। यह सच है तो यह स्थिति खतरनाक है। इसलिए, प्रधानमंत्री को खुद देश को यह बताना चाहिए कि वह दो घंटे के दौरान क्या कर रहे थे।

इससे पहले गुरुवार को भी कांग्रेस ने पुलवामा हमले को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था। पार्टी का आरोप है कि सत्ता बचाए रखने के लिए जवानों की शहादत और राजधर्म भूल गई है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरा देश सदमें में था, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोर्बेट नेशनल पार्क में फिल्म की शूटिंग कर रहे थे।

सुरजेवाला ने कहा आतंकी हमले के बाद सरकार ने राष्ट्रीय शोक इसलिए घोषित नहीं किया। क्योंकि, राष्ट्रीय शोक घोषित करने से सरकारी खर्च पर होने वाली जनसभाएं निरस्त हो जाती।

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