ताज़ा खबरें
गलत बयानबाजी न करें,मिलकर 'न्याय-पत्र' समझाने में खुशी होगी: खड़गे
केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध- ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा
अरुणाचल में भारी भूस्खलन, चीन सीमा से लगने वाले इलाके से टूटा संपर्क

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस (सेवानिवृत्त) आरएम लोढ़ा ने बुधवार को कहा कि गत वर्ष शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठ जजों द्वारा किए गए संवाददाता सम्मेलन को कोई उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, इसके बजाए इस दौरान हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के संबंध में कोलेजियम के कामकाज को लेकर उठाए गए मुद्दे और बिगड़ गए। जस्टिस लोढ़ा ने वरिष्ठता की अनदेखी कर दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना को शीर्ष अदालत का जज बनाने के कोलेजियम के फैसले की आलोचना की।

बता दें कि खन्ना की पदोन्न्ति की अनुशंसा सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली वरिष्ठ पांच जजों के कोलेजियम ने किया है। उन्होंने कहा, 12 जनवरी 2018 को किए गए विवादास्पद संवाददाता सम्मेलन में वर्तमान सीजेआई दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के तौर पर मौजूद थे। इसमें कई मुद्दे उठाए गए थे, जिनमें हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति भी एक मुद्दा था। पूर्व सीजेआई ने कहा, मुद्दा वही है। इस कदम से यह और बढ़ ही गया है। मुझे नहीं लगता कि कोई बदलाव आया। कम से कम यह दिख तो नहीं रहा है। इससे उद्देश्य पूरा नहीं हुआ।

जस्टिस लोढ़ा 27 अप्रैल 2014 से 27 सितंबर 2014 तक मुख्य न्यायाधीश थे। साल 2018 में 12 जनवरी को किए गए संवाददाता सम्मेलन में मौजूदा सीजेआई रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ थे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख