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नई दिल्ली: अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी भाजपा को हराने के लिए लगभग सभी प्रमुख विपक्षी दल अपनी ताकत एक करने में जुट गए हैं। इसके लिए तमाम विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर समर्थन जुटाने की कोशिशें हो रही हैं। 22 नवंबर को दिल्ली में सभी प्रमुख विपक्षी दलों की एक बैठक हो सकती है, जिसे आम चुनाव से पहले एक बड़ा भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है। अमरावती में शनिवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दूत के तौर पर पहुंचे पार्टी महासचिव अशोक गहलोत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की।

इसके बाद नायडू ने मीडिया से वार्ता में कहा कि ताकत और एकता के लिए बड़े विपक्षी कार्यक्रम की घोषणा की थी। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए क्षेत्रीय दलों को एक मंच पर लाने के प्रयास में नायडू पिछले एक माह में सभी शीर्ष विपक्षी नेताओं से मिल चुके हैं। शनिवार को गहलोत से मुलाकात के बाद नायडू ने कहा कि विपक्षी पार्टियां प्रस्तावित बैठक में भविष्य की कार्रवाई की रूपरेखा तय करेंगी।

वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा विरोधी दलों को एकसाथ लाने के प्रयास चल रहे हैं। वे गठबंधन के लिए समर्थन मांगने के लिए 19 नवंबर या 20 नवंबर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात करेंगे।

उन्होंने कहा- ‘एंटी-बीजेपी प्लेटफॉर्म होगा, इसका उद्देश्य देश और महत्वूपर्ण संस्थाओं को बचाना है।’ नायडू इससे पहले राहुल गांधी, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा आदि नेताओं से मुलाकात कर चके हैं।

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