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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर की आधारशिला रखने के लिए धौला कुआं से द्वारका तक एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो से सफर किया। मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि यह यात्रा 14 मिनट में पूरी हुई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार जनहित में कड़े निर्णय लेती रहेगी। साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि देश की अर्थव्यवस्था अगले पांच-सात साल में दोगुनी होकर 5,000 अरब डॉलर की हो जाएगी। यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी केंद्र (आईआईसीसी) की आधारशिला रखे जाने के मौके पर उन्होंने कहा कि इसमें विनिर्माण और कृषि क्षेत्र का योगदान 1,000-1,000 अरब डालर का होगा।

उन्होंने कहा, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि जनहित में हमने कड़े निर्णय किए हैं और यह जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अथर्व्यवस्था मजबूत हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत से अधिक दर से वृद्धि कर रही है और अगले पांच-सात साल में 5,000 अरब डॉलर और अगले दशक में 10,000 अरब डॉलर की हो जाएगी।

मोदी ने कहा कि सरकार ने हाल में देना बैंक, विजया बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में विलय का निर्णय किया। उन्होंने कहा, आखिर सार्वजनिक क्षेत्र के दर्जनों बैंक की क्या जरूरत है। हम पिछले कई साल से यह बहस सुनते आ रहे हैं लेकिन किसी ने भी इस दिशा में कदम नहीं उठाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने कुछ बैंकों को एसबीआई के साथ मिलाया है और अब सार्वजनिक क्षेत्र के तीन और बैंकों के विलय का फैसला किया है।

सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश मोबाइल फोन विनिर्माण का केंद्र बन गया है। इससे पिछले चार साल में 4-5 लाख युवाओं को रोजगार मिला और इससे विदेशी मुद्रा खर्च में तीन लाख करोड़ रुपये की बचत करने में मदद मिली है। मोदी ने कहा कि सरकार कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के लिये जिला स्तर पर योजनाएं बना रही है ताकि वे राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में अपना योगदान बढ़ा सके।

उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में भी अच्छी वृद्धि हुई है और युवाओं के लिये रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। कुल 25,703 करोड़ रुपये के सम्मेलन केंद्र की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पांच लाख युवाओं के लिये रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कई देश सम्मेलन पर्यटन के लिये केंद्र के रूप में उभरे हैं लेकिन भारत में किसी ने भी इस दिशा में नहीं सोचा। मोदी ने कहा कि अब सरकार इस दिशा में काम कर रही है और इस सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र का विकास कर रही है। इसमें 10,000 लोगों के बैठने की जगह होगी। यह केंद्र भारत की आर्थिक प्रगति और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रतिबिंबित करेगा।

उन्होंने कहा कि यह सरकार के दृष्टिकोण का हिस्सा है जो वैश्विक स्तर के बुनियादी ढांचे और कारोबार सुगमता को महत्व देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सबसे बड़ी सुरंग, सबसे लंबी गैस पाइपलाइन, सबसे बड़ी मोबाइल विनिर्माण इकाई बनायी है। साथ ही सभी घरों को बिजली समेत अन्य कई परियोजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र स्टार्ट अप, उद्योग को बढ़ावा देने तथा लोगों के जीवन को आसान बनाने तथा एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है। यह सम्मेलन केंद्र द्वारका के सेक्टर 25 में 221.37 एकड़ जमीन पर बनेगा। इस पर 25,703 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह केंद्र आकार और गुणवत्ता के मामले में दुनिया के बेहतरीन केंद्रों में से एक होगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कार्यक्रम, बैठकें, सम्मेलन, प्रदर्शनी तथा व्यापार प्रदर्शनी आयोजित किये जाएंगे। इसे दो चरणों में बनाया जाएगा। पहला चरण दिसंबर 2019 और दूसरा चरण दिसंबर 2024 में पूरा होगा।

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